लेखक आर०एस० भाम्भू - दूसरों से थोड़ा-सा अलग। लेखन के जरिए मानव विकास और उनकी सोच को विकसित करने में अग्रसर एवं समाज के फैली हुई गलत धारणा जो गुमराह करती है या नुकसान की तरफ धकेलती है जिससे एक अच्छी ज़िन्दगी से वंचित रह जाते है जिससे काश! के अलावा कुछ नहीं बचता। मैं पढ़ाई में एक औसतन विद्यार्थी रहा हूँ लेकिन जब मैं थोड़ा समझदार हुआ तो एक ही सपना था कि अच्छा करना है क्योंकि समाज ने हमेशा मुझे ऐसा करने के लिए प्रेरित किया वर्ना मेरी रुचि हमेशा टेक्नोलॉजी की तरफ रही व हमेशा से ही आकर्षित रहा और इसको सीखने में पढ़ाई से ज्यादा ध्यान रहा और बहुत से एक्सपिरमेंट भी किए जिसमें बिजली के झटके और बहुत सारे पैसे भी लगे। फिर बारहवीं कक्षा के बाद बी. एस. सी. में जाना शुरू किया लेकिन कुछ समय बाद मन बदल लिया और टीचिंग कोर्स की तरफ मन बना लिया जो कि मेरे लिए एक बदलाव का कारण था क्योंकि मेरी प्रिय पुस्तक मनोविज्ञान थी जिस कारण मेरा नजरिया और बदल गया मुझे अब अलग-सा एहसास होने लगा कि इस दुनिया में हर वस्तु कमाल की है और पाना असंभव नहीं। जो चीजें मैंने सीखी वो कहीं पढ़ाई या समझाई नही ये सब सामाज के रैवये को देखकर अपने आप में विकसित की। बाहरवीं उतीर्ण करते ही साल भर में मेरे पास तीन जॉब के अवसर थे और मैंने रेडियो ऑपरेटर पद को जॉइन कर लिया। लेकिन एक बात जो हमेशा से ही दिमाग में थी वो ये की ज़िंदगी में कुछ ऐसा करना है जिसका प्रभाव लोगों पर पड़े। मेरे को छोड़कर पूरा परिवार संतुष्ट था कि नौकरी लग गई वो भी उन्नीस साल की उम्र में लेकिन परिस्थितियों के कारण मेरे पास कुछ करने को भी नहीं था लेकिन अब मैंने अलग अलग राज्य के लोगों के साथ मिलने का मौका मिला और जो हमारे समाज में कुछ ऐसी धारणा हैं उनको बदलने के बारे में सोचने लगा फिर मैंने पुस्तक लिखने के बारे में सोचा लेकिन साथ वाले कुछ हँसते थे कि ये क्या कर रहा है और कोई अपना भी साथ देने को तैयार नहीं लेकिन जो मुझे चाहिए वो तो मुझे ही पता था मेरा सपना रहा कि एक अच्छी और खुशहाल जीवन जीने का क्योंकि मैं सबकी नजर में सिर्फ एक एवरेज स्टूडेंट रहा की मेरे से ज्यादा होशियार तो और भी विद्यार्थी हैं। लेकिन मेरे पास एक इमेजिनशन पॉवर है जिससे कि में हर वो काम कर पा रहा हूँ जो सोचता हूँ और मुझे फर्क नहीं पड़ा कि कौन क्या कह रहा है मुझे तो कुछ करना है। क्योंकि सिर्फ मार्कशीट में नम्बर अच्छे होने से आप एक कामयाब इंसान नहीं है। फिर मैंने अपनी पहली पुस्तक प्रकाशित करवाई और मुझे ख़ुशी हैं कि उस पुस्तक को हजारों लोगों ने खरीदा और लाखों लोगों ने सुना Use Coupon code PPMNP66 to get 50% off on KuKuFM premium। जिसके एक मिलियन लिस्नर्स होने वाले है। मुझे यकीन था कि यह पुस्तक हमारे देश के पाठकों के लिए बहुत पसंदीदा होगी।उसके बाद मैंने टेक्निकल, इलेक्ट्रीकल्स, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, प्रोग्रामिंग, म्यूजिक कंपोज,एडिटर, अर्टिटेक, मनी मैनजमेंट, लाइफ कॉच इत्यादि कोर्स एवं बहुत सारी पुस्तकें पढ़ी ताकि एक अच्छी ज़िन्दगी के लिए मार्गदर्शक कर सकूं। इसके साथ साथ Show Your Talent प्रोग्राम चलाया।
जिसमें रोहित लाम्बा को उनके लक्ष्य तक पहुँचाया
और सोमबीर ढुल को सिंगिंग के लिए प्रोत्साहित किया और साथ दिया। अब मुझे अपने आप पर यकीन हो गया कि अब मैं किसी को भी कामयाब करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता हूँ ऐसा नहीं है कि ये इतना आसान था इसके लिए बहुत सारा समय, पैसा और मेहनत लगी। आज मेरे पास बहुत सारे इनकम सोर्स बन गए। आप आर्टिकल को अच्छे से पढ़े और अपनी ज़िंदगी को खुशहाल बनाये। अब सब बदल रहा है और ये सब आप लोगों के प्यार की वजह से कर पा रहा हूँ। मेरे आर्टिकल को अपने चाहने वालों तक जरूर पहुँचाये ताकि मेरा सपना पूरा हो सकें मैं बच्चों को कामयाबी के लिए तैयार और उनके अंदर कौशल विकास कर सकूं और मेरा विश्वास है कि आप लोगों के जरिए में लाखों लोगों को एक अच्छी ज़िन्दगी के लिए तैयार कर पाऊँगा।
अपने लक्ष्य में रुचि एक ऐसी चीज़ है जो आपके सपने को हकीकत में बदल सकती हैं- लेखक आर. एस. भाम्भू
मेरी नज़र से देखों तो खुशियां और मौके बहुत हैं बस कड़ी मेहनत और सही दिशा चाहिए- लेखक आर. एस. भाम्भू
मैं लेखक आर. एस. भाम्भू अपने लेखन कार्य के बल पर समाज में एक अच्छा बदलाव लाने का प्रयत्न कर रहा हूँ जिससे हर व्यक्ति के पास पैसा, शोहरत और खुशी हो इसके लिए लगातार कार्य जारी है।
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