अगर आप कही घूमने का विचार बना रहे है तो ये आर्टिकल आपके लिए है। जब हम कहीं घूमने जाते हैं तो दो चीजें हमें बहुत आकर्षित करती है या तो वह जगह बहुत प्रसिद्ध है किसी से उसके बारे में सुना या हमें उसे पिक्चर में देखा है लेकिन लोग उस सच्चाई से अनजान होते है जो हमारे साथ घट सकती है और हर रोज बहुत सारे लोगों की ख़ुशी ग़म में बदल जाती है या बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है मेरा उद्देश्य किसी को घूमने से रोकना नहीं है बल्कि उसके बारे में सही से जानकारी होना जरूरी है क्योंकि टूर पर जाने से व्यक्ति का मानसिक तनाव दूर होता हैं और अच्छी जानकारी प्राप्त होती है। जिससे नए विचार उत्पन्न होते हैं।
लेह-लद्धाख लोगों के घूमने की पहली पसंद- वर्ष 2014 में कोलकाता से एक परिवार लेह-लद्धाख घुमने जाती है। उनको ये तो पता था कि वहाँ ठंड बहुत ज्यादा है जिससे उन्होंने गर्म वस्त्र पहन रखें थे लेकिन उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं थी और वो अपने टूर पर करज़ोक झील के लिए निकल दिए रास्ते पर बर्फ बहुत ज्यादा गिरी हुई थी जिस कारण करज़ोक गाँव से 10 किलोमीटर दूरी पर उनकी गाड़ी बर्फ में धंस गई उस समय वहाँ का तापमान माइनस 23 डिग्री सेल्सियस था वो गाड़ी को धक्का देते देते बुरी तरह ठंडे हो अब थक हार कर गाड़ी में बैठ गए अब वहाँ भी बैठा रहना संभव नहीं था। जिस कारण गाड़ी का ड्राइवर दस किलोमीटर दूर एक फोर्स के कैम्प में चला जाता है और वहाँ से मदद माँगता है। वहाँ से फोर्स उनका रेस्क्यू करके कैम्प में लेकर आती हैं।
आगे सचिन चौधरी कहते है कि वो जब उनको बता कर रहे थे तो बड़े मायूस थे और उनकी लड़की जिसकी उम्र 24 वर्ष थी वो बुरी तरह से रो रही थी कह रही थी हमने यहाँ आकर बहुत बड़ी गलती कर दी। क्योंकि उनके पास कोई ऐसा साधन नहीं था कि अगर वो वहां फँसे रह जाता तो शायद वो इस दुनिया में नहीं रहते। जब गाड़ी फँसी उस समय लगभग 2 बजे का था लेकिन कोशिश करते-करते 6 बज गए अब उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था। बार बार एक ही रट लगा रहे थे हमें नहीं पता था कि हमारे साथ क्या हो रहा है।
केदारनाथ- आस्था का एक सवश्रेष्ठ स्थान। वर्ष 2013 में केदारनाथ के लिए एक परिवार दिल्ली से निकलता हैं जब बादल फटा तो उस त्रासदी से किसी न किसी प्रकार बच गए लेकिन उनको ये नही पता था कि आगे क्या होने वाला है। जब भी ऐसी घटना घटती है तो वहां पर खराब लोग पहुंच जाते है जैसे कुते के जख्म होते ही कीड़े पड़ जाते है अब उनका ऐसे कुछ लोगों का सामना हुआ और उन्होंने उनको गुमराह कर दिया कि ये रास्ता टूट चुका है हम आपको दूसरे रास्ते से लेकर जाते हैं लेकिन खुद के बचाव के लिए उनके पास कोई प्रबंधन नहीं था।
आगे विपिन कुमार को बताते है कि अब उनको एक एक करके पेड़ों के साथ बांध दिया फिर पहले तो उसके पास जो कुछ भी था वो सब लूट लिया उसके बाद उनकी आठ साल की लड़की के साथ बलात्कार किया। अब वो कह रहे थे कि हमारी मत मारी गयी जो हम यहां पर आए कहने को तो हम करोड़ों के मालिक है लेकिन आज हमारा सब कुछ लूट गया।
अमरनाथ यात्रा- इसी वर्ष (2022) में गुजरात से एक परिवार अमरनाथ दर्शन करने आता हैं लेकिन उनको जानकारी नहीं थी कि वहाँ पर ऑक्सीजन कम है कि उससे पहले वातावरण के अनुरूप ढ़लना पड़ता है। अब उनकी लड़की जिसकी उम्र इसक्की वर्ष थी उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है वहाँ पर हर दिन कोई ना कोई दम तोड़ रहा था अब उनको भी लगने लगा कि शायद अब वो नहीं बच पाएगी वो सिर्फ जवानों के गले लगकर हकलाते हुए यही कह रही थी कि मुझे बचा लो अब वहां पर डॉक्टर अजीत यादव आ जाते हैं जवान कहने लगे।
हमारे डॉ० अजीत यादव आपको बचा लेगें लेकिन उनके पास ऐसा कोई साधन नहीं था जिससे वे उनको बचा पाते फिर उन्होंने उस दम्पति से पूछा कि क्या आपके पास फर्स्ट एड किट हैं। उन्होंने कहा कि हां हमारे पास है फिर डॉ० अजीत यादव ने जल्दी से वो किट ली और कुछ दवाई खिलाने के बाद उस छोटे से ऑक्सीजन सिलिंडर की सहायता से उनकी जान बचाई और उनको हॉस्पिटल तक लेकर गए जहां पर उनको दाखिल करवाया।
हमारा उद्देश्य किसी को डराना या फिर किसी की आस्था को ठेस पहुँचाना नहीं बल्कि आपको टूर से पहले उसके लिए सभी साधनों के साथ तैयार कराना हैं। ताकि आपके साथ ऐसी घटना न घटे। क्योंकि किसी जगह को फोटोज में देखना अलग है क्योंकि जिनती सुंदर फोटोज मैं होती है उतनी ही विकराल हो सकती हैं।
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मैं लेखक आर. एस. भाम्भू अपने लेखन कार्य के बल पर समाज में एक अच्छा बदलाव लाने का प्रयत्न कर रहा हूँ जिससे हर व्यक्ति के पास पैसा, शोहरत और खुशी हो इसके लिए लगातार कार्य जारी है।
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