जब भी हम दिल्ली की बात करते हैं तो चाँदनी चौक का ज़िक्र जरूर आता है कि चाँदनी चौक पर सामान बहुत सस्ता मिलता है वहाँ पर चोर बाजार से आप किसी भी वस्तु को सस्ते दामों में खरीद सकते है लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि चोर बाजार एक बिज़नेस करने का अलग तरीका है वहाँ चोरी का सामान नहीं बल्कि डुप्लीकेट सामान होता है जो दिखने में तो ओरिजनल लगता है लेकिन होता नहीं और लोगों को ये कहकर बेच दिया जाता है कि ये चोरी का सामान हैं इसलिए सस्ता बेच रहे है और लोग जाल में फंस जाते हैं।
A view of Chandni Chowk |
चाँदनी चौक की कहानी - एक लड़का भागता हुआ उस व्यक्ति के पास जाता है जो कि चाँदनी चौक पर कही बाहर से आया है और अनजान है उससे कहता है कि मेरे पास ये सामान हैं जो दुकान से चुराकर लाया हूँ उसे देखकर ऐसा ही प्रतीत होगा कि सच में ये चोरी करके लाया है पर ऐसा नहीं होता वो उस दुकान का ही बन्दा होता है जो चोरी की बात कर रहा है और उसके हाथ में जो सामान है वो डुप्लीकेट है जो कम दाम में देने की बात कर रहा है और जिस व्यक्ति को देने की बात कर रहा उसे उसकी वास्तविक कीमत बता कर कम दाम में देने की बात कहेगा जिससे कि व्यक्ति लालच में आ जाएं और उसे वो सामान बेच देगा लेकिन उस सामान की कीमत बिल्कुल कम होती है जो कि एक धोखा है पहली बार कोई भी व्यक्ति ऐसी मार्केट में जाता है तो अवश्य ही लालच में आकर उनका शिकार हो जाता है। ये उनका बिज़नेस करने का तरीका है जो नए लोग जाते हैं उनको ठग लिया जाता है। उनके अंदर जो कला है वो आपको महसूस नहीं होने देती कि आपके साथ ठगी हो रही है।
हमारा मकसद आपको हर उस पहलू से रूबरू करवाना हैं ताकि आपकी उन्नति में रुकावट पैदा ना हो।
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