हमारे देश में यह बिडंबना हमेशा रही हैं जो इंसान को आगे बढ़ने से रोकती है और बहुत से लोग इसे मानकर या तो शुरुआत नहीं करते या फिर हार मान लेते है कि में इस लायक नहीं हूं। मेरा दोस्त कँवर सिंह अक्सर कहता है कि डिग्री सिर्फ किसी जॉब के लिए नियम व शर्ते पूरा करने के लिए होती है ज्ञान तो वहीं होता है जो इंसान के अंदर है ये स्वंय पर निर्भर करता है कि वो इसका प्रयोग कैसे करता है और इसका उदाहरण देने की आपको जरूर नहीं।
Getting more degrees does not bring much success. |
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जो न के बराबर स्कूल गए जो भी डिग्रियाँ है वो सिर्फ शर्तो को पूरा करने के लिए हैं। दूसरे राहुल गांधी जी जो देश के नहीं पूरे विश्व के सबसे पढ़े लिखे लोगों में आते हैं जो लगातार स्ट्रगल कर रहे है। जो दोनों में फर्क है वो अनुभव का है जो एक को पता कि लोगों को कैसे हैंडल करना है और दूसरे को नहीं। वहीं पर कोई ऐसा इंसान जो कि अनुभव तो रखता है लेकिन एजुकेशन ज्यादा नहीं उसे पहले ये पूछा जाएगा कि आप कितने पढ़े लिखे है। जो उसको मायूस कर देती है लेकिन अगर आपके पास किसी का कोई जवाब या कौशल है तो बिना किसी झिझक के सामने रखिए। आपको बीरबल की माँ की कही इस बात को याद रखना चाहिए। एक दिन बीरबल से पूछा गया कि आप इतने ज्ञानी है हम आपकी माँ को देखना चाहते है। इस बात को लेकर बीरबल परेशान रहने लगा कि मेरी माँ तो बिल्कुल भी सुंदर नहीं है मैं कैसे अपनी माँ को इसके सामने ला सकता हूँ। जब बीरबल की माँ ने उनके चेहरे पर चिंता देखी तो पूछने लगी कि आप आज तक इतने चिंतित नही हुए आजकल क्या हो रहा है तो बीरबल ने अपनी माँ से कहा कि कुछ दरबारी आपको देखना चाहते है कि जिस माँ ने आपको जन्म दिया वो कैसे लगती है मैं इसलिए परेशान हूँ माँ। बीरबल की माँ ने कहा कोई बात नहीं बुलाओ। बीरबल ने उन सभी को बुला लिया और बीरबल की माँ चेहरे पर पर्दा डालकर उनके सामने आ गई और बोली की आपके सामने मेरा बेटा हैं उसे देखकर अंदाज नहीं आया कि माँ कैसी होगी। उसके बाद उनके मुँह से कुछ नहीं निकला और उठकर चल दिये। जब मैं बारह साल का था तब ये बात मेरी माँ ने मुझे सुनाई थी जो आज मैंने आपके सामने रखी है और इसके रखने का उद्देश्य ये है कि अगर आप कुछ कर सकते है तो करिए क्योंकि जो आप कर सकते है या जो जानते है वो सिर्फ़ आप जानते है कोई और नहीं क्या फर्क पड़ता है कि आपने कितनी डिग्री हासिल की है।हमारा उद्देश्य कम पढ़ने से नहीं है बल्कि हमारा उद्देश्य उन लोगों से हैं जो कम पढ़े लिखे होने पर कुछ करने का हुनर रखते है पर करने से डरते हैं।
इस आर्टिकल का राजनीतिक या गैर राजनीतिक पार्टी से कोई लेना देना नही है ये सिर्फ आपको एक उदाहरण के तौर पर बताया गया है।