हमारे देश में क्यों पैदा नहीं होते सुंदर पिचाई,मार्क जुकरबर्ग,एलन मॉस्क,बिलगेट्स, जैक मा या स्टीव जॉब्स

ऐसा नहीं है कि हमारे देश में ऐसे लोग होते  नहीं, होते हैं लेकिन लोग बनने नहीं देते क्योंकि यहाँ हर माता-पिता यही चाहता है कि हमारे बच्चे वहीं करें जो हम चाहते है वो अपने बच्चों को अपने सपनों पर उतारना चाहते हैं न कि वो करने देते जो वह करना चाहता है।


Think
Think about it.

अगर किसी तरह से वहाँ से परमिशन मिल जाती है तो फिर उसके साथ काम करने वाले साथ नहीं देते ऐसे ही श्री निम्बी नारायण जी के साथ हुआ। क्योंकि उसके साथियों को पता चल जाता है कि ये कुछ करेगा तो वही उसे भटकाने या फंसाने की कोशिश करते है जिससे कि वह उस काम में सफल ना हो क्योंकि हमारे यहां के संस्कार में ये भी सम्मिलित है कि किसी दूसरे का कद हम से बड़ा ना हो। जिससे कि हमें उन लोगों का नाम लेना पड़ता है ये बात सही है कि सँघर्ष बहुत जरूरी है लेकिन हम किसी की सपोर्ट नहीं कर सकते तो उनको गिराने की भी कोशिश नहीं करनी चाहिए ताकि हमें इंस्पायर होने के लिए देश से बाहर के लोगों में न जाना पड़े। ये सब कहने का उद्देश्य ये नहीं है कि सब गलत है हमारा उद्देश्य उन लोगों को सपोर्ट करना हैं जो मेहनत कर रहे है जिससे कि हमारे पास सुख सुविधा बढ़े। जो देश को आगे ले जा सकते है। इसलिए जो होते है वो देश को छोड़कर चले जाते है फिर हम कहते है कि ये भारतीय है लेकिन उसके भारतीय होने का क्या फायदा उससे ग्रोथ तो उस देश की बढ़ती है जिसमें वो काम कर रहे है। 


हमारे देश की अच्छी कंपनियां जो इनका विकल्प है जैसे कि Twitter का Koo और Whatsapp का Hike जो कि अच्छे विकल्प है लेकिन लोग कहेंगे कि ये इतने पॉपुलर नहीं। लेकिन किसी भी चीज़ की पॉपुलर इंसान ही बनाता है। हमारी इसी सोच के कारण Lava, Karbonn और Micromax जैसी मोबाईल कंपनी मार्केट से बाहर हो गई। क्योंकि जब तक हम किसी वस्तु को अपनाएंगे नहीं तो कभी उसमें सुधार नहीं आ सकता। हम सिर्फ बोलने में देशी हैं छाती पीट-पीट कर बोलते है लेकिन साथ देने में नहीं।जिससे हम टेक्नोलॉजी में इतने बिछड़ जाते हैं और हमें उस वस्तु की दोगुनी कीमत चुकानी पड़ती है। 


जानता नहीं वो मानता नहीं और जानकर भी ना माने तो वो हमारा ही हो सकता है- आर. एस. भाम्भू


मैं लेखक आर. एस. भाम्भू अपने लेखन कार्य के बल पर समाज में एक अच्छा बदलाव लाने का प्रयत्न कर रहा हूँ जिससे हर व्यक्ति के पास पैसा, शोहरत और खुशी हो इसके लिए लगातार कार्य जारी है। 

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R S Bhambhu

I'm auhtor R.S Bhambhu. I have written two books till now and I am continuously trying to bring changes in the lifestyle of people so that they can live a good life.

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