मेरे दोस्त ने लिखा कि सब बातें लिखी हुई है अब सिर्फ उन पर अमल करना बाकी है। माना कि सब कुछ पहले से लिखा हुआ है लेकिन जरूरी नहीं कि सब एक तरीके से समझ जाएं आपने देखा होगा कि जब हम पढ़ते है तो जो किताब होती है वो अलग-अलग प्रोफेसर द्वारा लिखी गई है और एक व्यक्ति को वो समझ नहीं आती जो दूसरे व्यक्ति को आ जाती है लेकिन किसी दूसरे प्रोफेसर द्वारा लिखी पुस्तक अच्छे से समझ आ जाती है।
A Thought |
माना कि सब कुछ पहले से लिखा है लेकिन वो उसे समझ न आ रहा हो। इस दुनिया में बहुत सी फिल्में और डॉक्यूमेंट्री बार-बार लिखी गई है फिर भी लोग उनको देखते हैं। इसलिए आपके अंदर जो है या कुछ कर सकते है तो जरूर कीजिए। वो सब आपको निर्णय नहीं लेना चाहिए वरना ज़िन्दगी मैं आगे बढ़ना मुश्किल हो जाएगा। आपको ये देखना है कि आप अपनी बात को कितने अच्छे ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं हो सकता है कि जो आपने किया वो लोग अच्छे से समझ जाएं।
अच्छाई चलती तो दूर तक हैं लेकिन देर से - आर. एस. भाम्भू