जब भी हम कुछ करते है तो ये लगता है कि मैं सही हूँ फिर मेरे साथ गलत क्यों होता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आप सही हैं कई बार हम गलत होते है हमें उस बात का अहसास नहीं होता इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं या तो हम समझ नहीं पा रहे या फिर हमारा ईगो।
Right? |
इसलिए जब भी हम कुछ कहते या करते है तो ये जरूर सोचना चाहिए कि हमें जो किया वो सामने वाले को हर्ट् तो नहीं कर रहा। क्योंकि हम आगे बढ़ जाते है ये बिना सोचे कि उसका प्रभाव क्या पड़ा। फिर कहते हैं कि हम सही है। इसलिए जो भी हो हमें जरूर सोचना चाहिए।
जैसे कोई व्यक्ति काम करता है तो बहुत से लोग ये कहते हैं कि ये सही नहीं है लेकिन जब कुछ साल के बाद पता चलता है कि मैंने इससे जानना चाहा ही नहीं कि ये क्या चाह रहा था और हम गलत हो जाते हैं।
अधूरी समझ इंसान को गलतफहमियों में डाल देती है- आर. एस. भाम्भू