याद रखें उम्मीद ज़िंदा रखती है और फिर जो होता हैं वो बड़ा होता हैं हम ज़िंदगी में कई बार गिरते-उठते हैं कई बार बिखर जाते है तो मन में कई बार मरने तक का ख्याल आ जाता हैं और बहुत से लोग आत्महत्या कर लेते हैं और उसके इस कदम उसी से वही नहीं मरता उसके चाहने वाले भी टूट जाते है याद रखें जीवन सिर्फ एक बार मानव जीवन में मिलती है फिर भी लोग ऐसे कदम उठा लेते हैं लेकिन उम्मीद कभी भी नहीं तोड़नी चाहिए।
Stephen Hawking |
स्टीफन विलियम हॉकिंग से ये जरूर सीखना चाहिए - स्टीफन विलियम हॉकिंग सिर्फ एक महान वैज्ञानिक ही नहीं जिन्होंने हमें ब्लैकहोल के बारे में अच्छे से समझाया वो हमारे लिए एक उम्मीद भी बनें। स्टीफन विलियम हॉकिंग महज इक्कीस वर्ष की आयु में ही Early-onset-slow-progressing (Motor neurons disease) से ग्रसित हो गए थे जो हजारों-लाखों लोगों में किसी एक को होती हैं इससे शरीर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता हैं। एक दिन पूरा शरीर लॉक हो जाता है इसके बावजूद भी स्टीफन विलियम हॉकिंग जी ने अपनी अनुसंधान को जारी रखा और इतना बड़ा कर पाएं । अपने जीवन के आखिरी दिनों में सिर्फ एक अंगुली को ही हिला सकते थे। ये सब सिर्फ कुछ पाने की उम्मीद में कर पा रहे थे। 08 जनवरी 1942 को जन्में स्टीफन विलियम हॉकिंग को 21 वर्ष यानी 1963 में ही इससे ग्रसित हो गए थे और उसके बाद 14 मार्च 2018 को दुनिया को अलविदा कह गए। उन्होंने 55 साल इस बीमारी के साथ बिताए क्योंकि उनके पास उम्मीद थी कि वो कुछ बड़ा करेगें और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवाएंगे। इसलिए हताश मत होइए क्योंकि उम्मीद ही इंसान को सब कुछ दिला सकती हैं अगर आप उम्मीद के साथ उम्मीद पर उतरें। ये सिर्फ एक वैज्ञानिक ही नहीं एक सबक भी हैं उन लोगों के लिए जिनके पास अपना शरीर होते हुए भी टूट जाते हैं।